Shabadnaad
Bas k mujhe Shok se jeena nahi aaya...
Sunday, March 4, 2012
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले....
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले,
दुआ है कि तुझे कोई बेवफा न मिले।
कोई कुछ न दे तो भी जी लीजिए,
याद रहे किसी की बद्दुआ न मिले।
मिलो किसी से अगर तो मिलो इतना,
मिलो ऐसे कि कोई फासला न मिले।
जगजीवन ‘गीत ’
कोई तो फैसला आये...
कोई तूफ़ान आये या जलजला आये,
वो कुछ तो बोले, कोई तो फैसला आये।
मैं तेरे घर की मजबूरिओं से डर जाता हूँ,
जब भी तुम से मिलने का हौसला आये।
जगजीवन ‘गीत’
Sunday, January 29, 2012
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले...
गज़ल
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले,
दुआ है कि तुझे कोई बेवफा न मिले।
कोई कुछ न दे तो भी जी लीजिए,
याद रहे किसी की बददुआ न मिले।
मिलो किसी से अगर तो मिलो इतना,
मिलो ऐसे कि कोई फासला न मिले।
Saturday, December 24, 2011
किसे खवाब किसे याद रही होगी...
किसे खवाब किसे याद रही होगी नींद
के वो रात भर तेरी तस्वीर देखता रहा...
जगजीवन सोनू
बुझा हुआ या जलता हुआ रखना...
बुझा हुआ या जलता हुआ रखना,
खुली खिड़की दर पे दीया रखना।
इक उम्र के बाद उसी के शहर में हूँ,
ऐ!
ज़िन्दगी
मेरा पता रखना।
दुश्मनी में तुम बड़ा याद आये हो,
ऐ!
दोस्त कुछ दिन यूँ ही फासला रखना।
जगजीवन सोनू
लौट के जब भी आओगे...
लौट कर जब भी आओगे,
मेरा दरवजा खुला पाओगे।
तेरे अन्दर तेरे बाहर हूँ मैं,
कहाँ जाओगे अगर जाओगे।
मैं जो भी हूँ तेरे सामने हूँ,
अब क्या मेरे
पर्दो
उठाओगे।
जगजीवन सोनू
Friday, November 18, 2011
वो कहता भी था तो उसे समझता नहीं था कोई,
लोग मोहब्बत कहते थे जिसे वो इबादत कहता था.....
जगजीवन सोनू
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