Tuesday, December 28, 2010

यु तो खुल के मिला नहीं कोई


यु तो खुल के मिला नहीं कोई,
हमें भी किसी से गिला नहीं कोई,
इक उम्र से मैं इंतजार में हूँ,
मगर घर से अभी चला नहीं कोई...जगजीवन

Saturday, December 4, 2010

कोई ,मिले तो इक बार

कोई ,मिले तो इक baar

मुद्दत हुई कभी कोई...

मुद्दत हुई कभी कोई शिकवा नहीं किया,
चलो किसी दिन खुद से मिला जाये...जगजीवन

इक उम्र गुजर गई...

इक उम्र गुजर गई उधार सांसो पर जीते हुए,
खुदा ने ज़िन्दगी तो दी मगर हमें जीना नै आया...जगजीवन

खुशमिजाज है वो...

खुशमिजाज है वो शहर में मोहबत ढून्न्धता है,
ठीक नहीं उस शक्श को आदमी कहना....जगजीवन सोनू