Saturday, September 24, 2011

मोहब्बत में सिरफिरा होना...


मोहब्बत में सिरफिरा होना बुरा नहीं होता,
जो अपना नहीं, वो कभी अपना नहीं होता।

यूँ तो यह हर घर की खबर रखते हैं,
ये वो हैं जिन्हें अपना पता नहीं होता।
जगजीवन सोनू

Thursday, September 22, 2011


सफ़र हो तो सफ़र का पता रखिये,
चिराग न हो तो चिरागों से वास्ता रखिये।
न जाने कब गिर जाये ये नफरतों की दीवार,
हाल पूछते रहिये बस इतना ही सिलसिला रखिये।

चुप रहता है, बोलता कुछ भी नहीं...


चुप रहता है, बोलता कुछ भी नहीं,
सिवा तेरे यूँ उसे सूझता कुछ भी नहीं।

तू मिले तो मैं भी अबकी बार चल पडूं,
बिना तेरे सफ़र और रास्ता कुछ भी नहीं।

Friday, September 9, 2011


आज नहीं तो कल बदलेगा,
मेरा
भी ये पल बदलेगा
उसके
पीछे कभी चलना,
बदलू
है वो दल बदलेगा
जगजीवन सोनू

Thursday, September 8, 2011


ओह खुद तपेया सभ नू ठारदा होयेया,
हाय! ओह हुने मोया तेरा नाम पुकारदा होयेया।
उम्मीद सी के असमान शुयेगा इक दिन,
बन्दा टह गिया महल उसारदा होयेया...
जगजीवन सोनू

उसदे पैरां नेड़े रखेया
रिश्ता मैं की फुल्लां वरगा
कलियाँ वर्गे पैरां नेड़े
पत्थर दा बुत्त बन बैठा हाँ...
जगजीवन sonu

इतना भी न समझिये खुद को...


इतना भी न समझिये खुद को,
बैठ जाइये थोडा जानिए खुद को,
कब तक औरों की खबर रखोगे,
किसी रोज तो पूछिए खुद को,
जगजीवन सोनू

Sunday, September 4, 2011

बहुत रोया है वो रात भर....


बहुत और बहुत रोया है वो रात भर,
वो कहते है के बरसात अछी हुई है,
उम्मीद थी के चले जाओगे किसी रोज,
जा चुके हो, चलो ये बात अछी हुई है...
जगजीवन सोनू


मोहब्बत में कभी सियासत नहीं करते...


मोहब्बत में कभी सियासत नहीं करते,
हम पथरों की इबादत नहीं करते।

जान लेते किसी रोज तबियत उनकी,
भूल कर भी कभी मोहब्बत नहीं करते।
जग्जीवन सोनू