Shabadnaad
Bas k mujhe Shok se jeena nahi aaya...
Friday, October 14, 2011
आंधियां लाख करें कोशिश बुझा दें भले इनको,
जो होते हैं चिराग वो देर तक बुझे नहीं रहते...
जगजीवन सोनू
खुद से बात नहीं करते...
किसे कहते फिरोगे शहर में सुनता नहीं कोई,
यहाँ कुछ लोग ऐसे हैं जो खुद से बात नहीं करते...
Thursday, October 13, 2011
जमीर
आज कल जमीर का ये हाल तो देखिये,
चार गिरती हैं बूँदें तो लोग फिसल जाते.....
जगजीवन सोनू
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