Shabadnaad
Bas k mujhe Shok se jeena nahi aaya...
Sunday, March 4, 2012
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले....
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले,
दुआ है कि तुझे कोई बेवफा न मिले।
कोई कुछ न दे तो भी जी लीजिए,
याद रहे किसी की बद्दुआ न मिले।
मिलो किसी से अगर तो मिलो इतना,
मिलो ऐसे कि कोई फासला न मिले।
जगजीवन ‘गीत ’
कोई तो फैसला आये...
कोई तूफ़ान आये या जलजला आये,
वो कुछ तो बोले, कोई तो फैसला आये।
मैं तेरे घर की मजबूरिओं से डर जाता हूँ,
जब भी तुम से मिलने का हौसला आये।
जगजीवन ‘गीत’
Sunday, January 29, 2012
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले...
गज़ल
जितनी पाई मैनें इतनी सजा न मिले,
दुआ है कि तुझे कोई बेवफा न मिले।
कोई कुछ न दे तो भी जी लीजिए,
याद रहे किसी की बददुआ न मिले।
मिलो किसी से अगर तो मिलो इतना,
मिलो ऐसे कि कोई फासला न मिले।
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