अपने अरमान दिल में शुपाकर रखिये,
भंवर में हो तो हाथ उठाकर रखिये।
बेगाने शहर में कहा जाकर शत ढून्दोगे,
इक घरोंदा कागज़ पर बनाकर रखिये।
आंधियां रोक नहीं सकते अगर हाथो से,
इन्ही हाथो से चिराग जलाकर रखिये।
इतना आसान नहीं सफ़र बर्फ पर करना,
आग पैरो में पल-पल लगाकर रखिये।
जगजीवन सोनू
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