Shabadnaad
Bas k mujhe Shok se jeena nahi aaya...
Sunday, October 3, 2010
मैंने रखा है इस शहर...
मैंने रखा है इस शहर से बस इतना सा ताल्लुक
यह मुझे जेहर देता हैं मैं पीये जाता हूँ,
इक उम्र से ख़तम हो गई हैं मेरी सांसे,
समझ आती नहीं मैं कैसे जीए जाता हूँ...जगजीवन
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