Tuesday, February 22, 2011

भले ता उम्र...

भले ता उम्र मेरे पैरों में सफ़र रहेगा,
मैं अपनी हस्ती से गिर न जोऊ यही डर रहेगा,
वो रख देती है हरबार छोटी छोटी चीजें इसमें,
घरःमें माँ तो मेरे बैग में घरः रहेगा.......जगजीवन सोनू

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