Bas k mujhe Shok se jeena nahi aaya...
उलझे रास्तो से तो कभी ज़माने के डर से,
वो शख्स बहुत कम निकलता है घर से।
इक उम्र उसे उठा नहीं पाया,
वो कुश यू गिर गया मेरी नजर से.....जगजीवन सोनू
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